Tuesday, July 6, 2010

रितिक के घर में कैमरा!

नहीं-नहीं रितिक रोशन अब घर में शूटिंग करने का प्लान नहीं बना रहे, बल्कि ऐसा उन्होंने अपनी फैमिली केसेफ्टी के लिए किया है। खबर है कि रोशन
फैमिली ने अपने घर के तीनों फ्लोर पर सीसीटीवी कैमरा लगवाए हैं।सूत्रों के मुताबिक राकेश ने काफी टाइम पहले अपने घर में सीसीटीवी कैमरालगवाने का ऑर्डर दिया था। फिलहाल उन्होंने अपने घर में अलग-अलगपजिशन में नौ सीसीटीवी कैमरा लगवाए हैं। राकेश सिर्फ घर में कैमरालगवाए हैं, बल्कि वह खुद उनकी इमेज को मॉनिटर भी करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक राकेश ने अपने घर के एंट्रेस पर तीन कैमरे लगवाए हैं। इसकेअलावा एक कैमरा किचन में भी लगवाया गया है।
आप सोच रहे होंगे कि आखिर किचन में कैमरा लगवाने की क्या जरूरत पड़गई? सूत्र बताते हैं कि किचन में कैमरा इसलिए लगाया गया है, ताकि खानाबनाने वाले कुक पर नजर रखी जा सके। रोशन फैमिली के एक करीबी सूत्र केमुताबिक राकेश अपनी फैमिली को किसी भी कीमत पर सेफ रखना चाहते हैं।जब इस बारे में राकेश से बात की गई, तो राकेश ने कहा, 'यह मामला पर्सनल है, इसलिए मैं इस बारे में कोईकॉमेंट नहीं कर सकता।

जब फंस गए बिग बी!

अमिताभ बच्चन न सिर्फ बॉलिवुड बल्कि साउथ की फिल्मों में भी उतने ही फेमस हैं। यही वजह है कि हाल ही मेंसाउथ के सुपरस्टार मोहन लाल स्टार
मलयालम फिल्म 'खंडहर' में उन्हें गेस्ट रोल के लिए बुलाया गया था।फिल्म में उन्होंने एक ऐसे नॉर्थ इंडियन का रोल किया है, जो एक मलयालीमहिला से शादी करता है। बिग बी से कहा गया था कि नॉर्थ इंडियन का रोलकरने की वजह से उन्हें फिल्म में मलयालम नहीं बोलनी पड़ेगी। इसी वजह सेअमिताभ ने फिल्म में काम करने की हामी भरी थी।

हालांकि फिल्म के डायरेक्टर मेजर रवि ने कुछ और प्लान बनाया हुआ था।जब सीनियर बच्चन फिल्म की शूटिंग के लिए ऊटी पहुंचे, तो मोहन लाल नेउनसे कहा कि उन्हें फिल्म में मलयालम बोलनी पड़ेगी। गौरतलब है किअमिताभ को मलयालम नहीं आती, इसलिए वह परेशान हो गए। फिल्म कीशूटिंग करके वापस लौटे बिग बी ने बताया, 'यह फिल्म थोड़ा अलग है। इसमेंमैंने एक नॉर्थ इंडियन का रोल किया है, जो एक मलयाली लड़की से शादीकरता है। इसलिए मेरा थोड़ी बहुत मलायाली बोलना स्वाभाविक था। हालांकि यह लैंग्वेज काफी मुश्किल है, लेकिन मैंने मैनेज कर लिया।'

बेबो संग रोमांस करेंगे इमरान!

इमरान खान की करीना कपूर के साथ फिल्मी पर्दे पर रोमांस करने की तमन्ना जल्द पूरी होने वाली है।


खबर है कि करण जौहर अपनी अगली फिल्म में इन दोनों स्टार्स को लीड रोल में साइन कर रहे हैं। अगर ऐसा होता है, तो यह पहली बार होगा जब इमरान और बेबो साथ काम करेंगे। सूत्रों के मुताबिक इस फिल्म की शूटिंग दिसंबर में शुरू होने की संभावना है। फिल्म के डायरेक्टर न्यूकमर शकुन बतरा होंगे, जिन्होंने हाल ही में धर्मा प्रॉडक्शन जॉइन किया है। गौरतलब है कि इससे पहले 'रॉक ऑन' और 'जाने तू या जाने ना' में बतौर असिस्टेंट काम कर चुके शकुन इमरान के दोस्त हैं।

सूत्रों की अगर मानें, तो इमरान ने ही करण को शकुन का नाम सुझाया है। उधर जब करण ने करीना को इस फिल्म के लिए ऑफर किया, तो उन्होंने बिना कोई सवाल-जवाब किए हां कर दी।

लक ने पहुंचाया है यहां तक: अर्जुन रामपाल

अपनी सफलता से आलोचकों का मुंह बंद कर देने वाले अर्जुन रामपाल का मानना है कि जिंदगी में लक फैक्टर बहुत मायने रखता है। अगर उनका लक साथ
नहीं देता, तो आज वह एक्टर की बजाय बैंकर होते। पिछले दिनों अर्जुन ने हमसे बातचीत की:

प्रकाश झा की फिल्म 'राजनीति' में अर्जुन रामपाल ने मंजे हुए कलाकारों के बीच अपनी मौजूदगी का बखूबी अहसास करवाया। बेशक इससे वह बेहद उत्साहित हैं कि फिल्म में उनके रोल की तारीफ न सिर्फ दर्शकों ने, बल्कि क्रिटिक्स ने भी की। वैसे, अपनी इस परफॉर्मेंस से मॉडल से ऐक्टर बने अर्जुन ने उन लोगों को करारा जवाब दिया है, जो अभी तक सफलता व अभिनय को लेकर उनकी टांग







खींचते आए थे। वैसे, 'राजनीति' से पहले अर्जुन को 'रॉक ऑन' में बेहतरीन ऐक्टिंग के लिए काफी तारीफ मिल चुकी है।

अर्जुन का लक
बिल्कुल, मैं लक में विश्वास करता हूं, क्योंकि जिंदगी में यह काफी महत्वपूर्ण होता है। डिजाइनर रोहित बल ने जब मुझे पहली बार देखा, तो उन्होंने मुझे पहला मॉडलिंग असाइनमेंट दिया। मेरा मानना है कि वह मेरा लक ही था। अगर मैं उस समय मैं वहां नहीं गया होता, तो आज शायद एक्टर की बजाय मैं एक बैंकर होता। दरअसल, उस वक्त मैं इंटरनैशनल बैंकिंग पढ़ रहा था।

सिंगल हीरो
जब हम लोग सिनेमा को आगे ले जाने की बात करते हैं, तो मुझे लगता है कि हमें बातें करने की बजाय उसका हिस्सा बनना चाहिए। मुझे अगर बतौर सिंगल हीरो अच्छा रोल करने का मौका मिले, तो मैं वह करूंगा। इसी तरह अगर मुझे मल्टी स्टारर फिल्म में बेहतर रोल करने का मौका मिले, तो मैं वह भी करूंगा। लेकिन अगर मल्टीस्टारर या सिंगल हीरो वाली फिल्म दोनों में से किसी में भी मेरा रोल सिर्फ कामचलाऊ है, तो मैं उसे साइन नहीं करूंगा। किसी फिल्म में काम करने से पहले आपको उसकी स्टोरी पर विश्वास होना चाहिए और मैं उन्हीं फिल्मों में काम करता हूं, जिन पर मुझे विश्वास होता है।

मनी या सक्सेस
आपका काम सबसे महत्वपूर्ण है। बाकी सब चीजें उसके बाद ही आती हैं। अगर आपका काम सही नहीं है, लेकिन उससे आपको पैसा अच्छा मिल रहा है, तो आप अपनी बाकी की सारी जिंदगी बुरे काम के साथ ही बिता देंगे। मेरे ख्याल से काम से ही पैसा कमाया जाता है। अगर आप मेहनत से काम करते हैं, तो पैसा अपने आप आपके पास आ जाएगा।

ओवरसीज प्रीमियर
हम लोग हांगकांग, दुबई और मस्कट गए थे। हमने 'राजनीति' का प्रीमियर हांगकांग में किया। मेरा मानना है कि जब आप फिल्म बना रहे हों, तभी उसके बारे में लोगों को पता लग जाना चाहिए। इससे लोग पहले से ही उसे लेकर उत्साहित रहेंगे। आखिरकार मैंने महसूस किया है कि लैंग्वेज कोई प्रॉब्लम नहीं है और 'राजनीति' यह बात साबित कर दी। मेरे ख्याल से अगर आपके इमोशंस ठीक हैं, तो लोग कहीं भी उसे एंजॉय करते हैं। जाहिर है कि विदेशों में जाकर प्रीमियर करने का अपना ही अलग चार्म और फायदा होता है।

वी आर फैमिली
'राजनीति' एक इमोशनल फिल्म है और मुझे इसका हिस्सा बनने पर गर्व है। मुझे फिल्म की स्क्रिप्ट वाकई अच्छी लगी। यह फिल्म मेरे बेहद करीब है।

किस सीन में ऐतराज नहीं : प्राची देसाई

अपनी पहली फिल्म ' रॉक
ऑन ' से धमाकेदार शुरुआत करने वाली प्राची देसाई की दूसरी फिल्म ' लाइफ पार्टनर भी हिट रही थी। अपनी तीसरी फिल्म ' वंस अपॉन टाइम इन मुंबई ' में वह सीरियल किसर इमरान हाशमी के अपोजिट हैं। प्राची ने हमसे तमाम मुद्दों पर बातचीत की ...

सत्तर के दशक के करैक्टर पर आधारित रोल करना कितना मुश्किल लगा ?
मुझे वैटरन एक्ट्रेस मुमताज की तरह दिखना था , इसलिए मुझे अपने करैक्टर पर काफी मेहनत करनी पड़ी। मेरे लिए यह रोल इसलिए भी मुश्किल था , क्योंकि मैंने कभी मुस्लिम लड़की का रोल नहीं किया और मुझे उनके रीति - रिवाजों की भी जानकारी नहीं है। फिर मुझे अपने डायलॉग को लेकर भी काफी मेहनत करनी पड़ी।

तो फिर आपने ये सब कैसे मैनेज किया ?
मैं अपने गेटअप को लेकर काफी कॉन्शस रही। इसमें मुझे ईयर रिंग से लेकर हेयर कट और मेकअप तक का काफी ख्याल रखना पड़ा। मुझे काफी सेलेक्टेड ड्रेसेज ही पहननी पड़ती थीं।

उस दौर की कौन - सी ऐक्ट्रेस आपकी फेवरिट हैं ?
हालांकि मैंने उस वक्त की फिल्में नहीं देखी हैं। मैं काजोल , रानी और दूसरी हीरोइनों को ही देखती हुई बड़ी हुई हूं। बावजूद इसके उस दौर की परवीन बॉबी , मुमताज तमाम दूसरी हीरोइनें को मैं बेहद पसंद करती हूं।

यह फिल्म अंडरवर्ल्ड पर आधारित है। क्या आपके पास अंडर वर्ल्ड से जुड़ी कुछ यादें हैं ?
नहीं , मेरे पास अंडरवर्ल्ड से जुड़ी कोई यादें नहीं हैं और ही मुझे अंडर वर्ल्ड के बारे में कोई आइडिया है। मैंने कभी अंडर वर्ल्ड के बारे में नहीं सुना। मैंने सिर्फ टीवी पर ' शूटआउट एट लोखंडवाला ' और ' सरकार ' जैसी फिल्मों में अंडर वर्ल्ड के बारे में देखा है।

क्या आपने इमरान के साथ कोई किस सीन शूट किया है ?
इस बारे इमरान ने अपना रेकॉर्ड तोड़ दिया , क्योंकि फिल्म में कोई किस सीन नहीं है। वैसे , मैं आपको बता दूं कि अगर स्क्रिप्ट की डिमांड के मुताबिक किसी सीन में किस सीन देना पड़ता , तो मैं ऐसा जरूर करती। मुझे किस सीन में कोई प्रॉब्लम नहीं है , लेकिन यह स्क्रिप्ट में शामिल नहीं था , इसलिए इसकी जरूरत ही नहीं पड़ी।

बालाजी कैंप में वापसी करना कैसा लग रहा है ?
मुझे लग रहा है कि मैं घर वापस गई हूं , लेकिन फैमिली मेंबर बदल गए हैं। वाकई यह एक नया एक्सपीरियंस है , क्योंकि मैं अलग तरह के लोगों के साथ काम कर रही हूं। हर किसी ने घर वापसी पर मेरा गर्मजोशी से स्वागत किया , इसलिए मैं उनकी शुक्रगुजार हूं। मुझे उनके साथ काम करने में अच्छा लगा।

एकता कपूर से आपके कैसे रिलेशन हैं ?
एकता और मैं एक फैमिली की तरह हैं। वह मेरा बहुत ध्यान रखती हैं और मैं भी उन्हें अपने बड़ों की तरह सम्मान देती हूं। अब हमारे रिलेशन पहले से ज्यादा मजबूत हो गए हैं।

आपकी अगली फिल्म राजीव खंडेलवाल के साथ रही है। उसके बारे में कुछ बताइए ?
' जोकर ' एक बहुत सेंसिबल और रोमांटिक फिल्म है। इसकी स्टोरी थोड़ा हटकर है। मुझे राजीव के साथ काम करके काफी अच्छा लग रहा है। वह काफी टैलंटेड और अच्छे इंसान हैं। इससे पहले वह टीवी की दुनिया में भी मेरे साथ रह चुके हैं।

तो क्या आप एक साल में एक फिल्म करने की प्लानिंग कर रही हैं ?
जी हां। मेरा मानना है कि तेज भागने की बजाय धीरे - धीरे लगातार चलती रहूं। वैसे भी इंडस्ट्री में नई होने की वजह से अभी मुझे काफी कुछ सीखना है। मुझे लगता है कि अगर मैं अपना 100 फीसदी दूं , तो मैं बॉलिवुड में अच्छी पोजिशन हासिल कर सकती हूं।
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मैं बिना वजह दखल नहीं देता: आमिर खान

बॉलिवुड के फेवरिट 'इडियट' आमिर खान एक बार फिर से खबरों में हैं। हालांकि इस बार वह अपनी ऐक्टिंग की बजाय बतौर प्रोड
्यूसर अपनी फिल्म 'पीपली लाइव' और ट्विटर पर एंट्री को लेकर चर्चा में हैं। पिछले दिनों हुई मुलाकात में आमिर ने हमसे बतौर प्रोड्यूसर एक्सपीरियंस और तमाम दूसरी चीजों पर खुलकर बातचीत की :

'पीपली लाइव' के टाइटिल और फिल्म के बारे में बताइए?
यह फिल्म शहरों और गांवों में रहने वाले लोगों के बीच बढ़ते फासले के बारे में बताती है। इसे आप करप्शन का मुद्दा उठाने वाली 'जाने भी दो यारों' जैसी फिल्म कह सकते हैं, लेकिन इस फिल्म का टॉपिक अलग है। यह फिल्म हमें ग्रामीण इलाकों की सोच से रूबरू कराएगी, क्योंकि हमें उनके बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं है। हालांकि स्टोरी को थोड़े मजाकिया अंदाज में पेश किया गया है, लेकिन इसका टॉपिक काफी महत्वपूर्ण है।

13 साल की उम्र में टीचर से हुआ था प्यार : कंगना

कंगना राणावत बोल्ड और बिंदास हैं। उनका कहना है कि वह हमेशा से ऐसी ही थीं। कंगना के करियर के बारे में तो आपने

बहुत पढ़ा हो
गा, लेकिन आज जानिए उनकी जिंदगी से जुड़े
दूसरे अनछुए पहलुओं के बारे में:

आपको पहली बार प्यार कब हुआ?
उस वक्त मैं 13 साल की थी। और वह मेरे इंग्लिश के टीचर थे, जो काफी हैंडसम थे। उसी वक्त मुझे अपनी सेक्सुएलिटी के बारे में पता चला था। हम लोग एक-दूसरे के साथ काफी कंफर्टेबल थे, क्योंकि वह तब से मेरे टीचर थे, जब मैं 8 या 9 साल की रही होऊंगी। 13 साल की उम्र में भी जब वह मुझे बेटा कहकर बुलाते, तो बुरा लगता था। वह एक ब्यूटिफुल रोमांस था, क्योंकि मैं रोमांस कर रही थी और वह मुझे पढ़ाना चाहते थे।

तो आप बचपन से ही...?
नहीं। मैं बहुत प्यारी बच्ची थी, जो अपना अंगूठा पीती थी। दूसरे बच्चे मेरे साथ नहीं खेलते थे, इसलिए मैं एक कोने में बैठी रहती थी। दरअसल, मैं हमेशा ड्रीम वर्ल्ड में खोई रहती थी। मैं हमेशा टीवी पर देखे अलादीन या स्नो वाइट जैसे शोज के बारे में सोचती रहती और उस दुनिया में जाना चाहती थी। मेरे पापा को मेरा अंगूठा पीना कतई पसंद नहीं था। कई बार वह इस बात पर मेरे थप्पड़ मार देते या मेरी उंगली मोड़ देते, तब मैं रोती थी।

यानी पैरंट्स आपके लिए काफी कठोर थे?
मैं कभी शैतान या अपनी ममी को परेशान करने वाली बच्ची नहीं रही। अगर आप मेरे पैरंट्स से पूछेंगे, तो वे कहेंगे कि मैं बेहद प्यारी, शांत और डरने वाली बच्ची थी। अगर वे मुझे कहीं बैठने के लिए कह देते, तो पांच घंटे बाद भी मैं वहीं बैठी मिलती थी।

क्या आपको काफी रोक-टोक वाली जिंदगी बितानी पड़ी?
हां, मेरे साथ अक्सर ऐसा होता था। मुझे शाम 6 बजे के बाद घर से बाहर निकलने की इजाजत नहीं थी। लेकिन मैं रात को देर से आने की कोशिश करती थी। तब मेरे पैरंट्स कहते, 'अंधेरा हो गया है। तुम आज फिर लेट आई।' तब मैं सिर्फ हां कहती। धीरे-धीरे मैं ऐसी लड़की बन गई, जो किसी की नहीं सुनती थी। मेरे पापा मेरी ड्रेसेज को लेकर काफी अपसेट रहते थे। मैं नहीं जानती कि उस वक्त मैं क्या साबित करना चाहती थी। अब जब मैं घर जाती हूं, तो सलवार कमीज ही पहनकर जाती हूं। (हंसते हुए) अब मैं सोचती हूं कि मैं उन्हें टॉर्चर क्यों कर रही थी।

एक छोटे से कस्बे में रहना, मुंबई के मुकाबले कैसा एक्सपीरियंस था?
ये दोनों बिल्कुल अलग दुनिया हैं। मुंबई की दुनिया पूरी तरह झूठ है, जबकि वहां की दुनिया सच्ची थी। मनाली में लोग जानवरों के साथ रहते हैं। वे उन्हें चारा खिलाते हैं और उनकी सफाई भी करते हैं। वहां पर आपको नेचर के करीब रहने का मौका मिलता है। दूसरी ओर, यहां पर आपको कार, रोड और बिल्डिंग से डील करना पड़ता है।

और दिल्ली का एक्सपीरियंस?
दरअसल, दिल्ली मैं अपनी छुट्टियां बिताने गई थी, लेकिन वहां जाकर मैंने किसी कॉलेज में एडमिशन का प्लान बनाया। उसके बाद मेरी कुछ ऐसे लोगों से मुलाकात हुई, जिनकी वजह से मैं थियेटर में आ गई। मैं उस वक्त को कभी भुला नहीं सकती।

आप मुंबई कैसे पहुंच गईं?
मेरी एजेंसी ने मुझे मुंबई भेजा था। मैंने उनसे यह भी नहीं पूछा कि मुझे मुंबई क्यों भेजा जा रहा है और वहां पहुंच कर मुझे क्या करना होगा। मुझे लगा कि दिल्ली के बाद हर कोई मुंबई आता है।

बचपन में आप क्या सपने देखती थीं?
मैं बचपन से ही अपने पैरंट्स से कहती थी कि मैं बहुत फेमस होना चाहती हूं। वे मेरी इस बात से नाराज भी हो जाते, लेकिन मैंने मन में पक्का इरादा कर रखा था।

शुरुआत में ऑडिशंस में रिजेक्ट होने के बाद कैसा लगा? क्या आपका कॉन्फिडेंस नहीं हिला?
बिल्कुल, मेरे कॉन्फिडेंस को झटका लगा। उस वक्त मुझे काफी इनसिक्युरिटी फील होती थी। खैर, मुझे 'गैंगस्टर' मिली। मैंने तब तक मुश्किल से 10 फिल्में देखी थी, इसलिए मुझे ए ग्रेड और बी ग्रेड फिल्मों का कॉन्सेप्ट नहीं पता था। कोई मेरे पास आकर कहता कि वह मुझे फिल्म में साइन करना चाहता है, तो मैं फिल्म साइन कर लिया करती।

और फिल्म करते करते आप अकेली पड़ गईं?
अकेलापन मेरे लिए कभी परेशानी नहीं रहा। जब भी मैं अकेली होती, तो कुछ ऐसा करती, जिससे दिल खुश हो जाता। मेरी प्रॉब्लम यह थी कि मेरे आसपास बहुत से लोग थे और वे कभी मुझे अकेला नहीं छोड़ते। ऐक्ट्रेस बनने से पहले मैं दूसरे लोगों के साथ खूब ऑडिशंस देने जाती और कॉफी एंजॉय करती थी।

क्या आपको लगता है कि यहां आप कुछ गलत रिलेशनशिप में पड़ गई थीं?
जब आप किसी रिलेशनशिप की शुरुआत करते हैं, तो आपकी नजर में वह गलत नहीं होता। मैं अभी तक सिर्फ दो रिलेशनशिप में रही हूं और दोनों ही मेरे लिए बेहद खूबसूरत रहे। मुझे अभी जिंदगी में काफी कुछ सीखना है। मैं एक परफेक्ट इंसान नहीं हूं, क्योंकि कोई भी परफेक्ट नहीं होता।


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